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COMPUTER शब्द लैटिन भाषा के “Compute” शब्द से बना है जिसका अर्थ होता है गणना करना या फिर Calculate करना। कंप्यूटर को हिंदी या मराठी भाषा में संगणक कहा जाता है। कंप्यूटर एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जो कि कुछ डाटा लेकर उसे प्रोसेस करके आउटपुट देता है। कंप्यूटर का फुल फॉर्म निचे दिया है।

C – Common
O – Operating
M – Machine
P – Particularly
U – Used For
T – Technology
E – Engineering
R – Research

(Computer History) सबसे पहला कंप्यूटर सन १८२२ में निर्माण किया गया था। सबसे पहले कंप्यूटर का आविष्कार एक गणितज्ञ ने किया, उनका नाम है चार्ल्स बैबेज। उनको आधुनिक कंप्यूटर के फादर (Father Of Modern Computer) कहां जाता है। कंप्यूटर के निर्माण के बाद उसमें हमेशा से प्रगति होते आ रही है। समय के हिसाब से कंप्यूटर की अब तक 5 जनरेशन (Five generation Of Computer) आ चुकी है। चलिए जान लेते हैं कंप्यूटर की हर एक जनरेशन के बारे में ।

Generations Of Computer

Computer History

कंप्यूटर का पहला जनरेशन (First Generation of Computer) :

1st Generation Of Computer
1st Generation of Computer

कंप्यूटर की पहली जनरेशन (First Generation of computer) का समय १९४६ से लेकर १९५९ तक था। पहले जनरेशन वाले कंप्यूटर में वेक्यूम ट्यूब (Vaccum Tube) का इस्तेमाल किया गया था, जिसकी वजह से यह कंप्यूटर (Computer) वजन में बहुत ही भारी थे और उनकी साइज भी बहुत ज्यादा हुआ करती थी (Large in weight and size) । पहले पीढ़ी के यह कंप्यूटर मशीन लैंग्वेज (Machine Language) पर भरोसा करते थे। इस कंप्यूटर में आप एक बार में एक ही प्रोग्राम ( Computer Program) चला सकते थे मतलब एक टाइम पर एक ही टास्क कंप्लीट कर पाते थे। इन कंप्यूटर का इनपुट और आउटपुट बहुत ही धीरे तरीके से काम करता था। इस कंप्यूटर के भारी होने के कारण उनको एक जगह से दूसरी जगह ले कर जाना पॉसिबल नहीं था। पहले जनरेशन के कंप्यूटर को कुछ नाम दिए गए थे जो कि हमने नीचे दिए हैं।

ENIAC
EDVAC
UNIVAC
IBM-701
IBM- 650

कंप्यूटर का दुसरा जनरेशन (Second Generation of Computer) :

2nd Generation
2nd Generation Of Computer

कंप्यूटर की सेकंड जेनरेशन (Second Generation Of Computer) का समय १९५९ से लेकर १९६५ तक था। इस कंप्यूटर में ट्रांजिस्टर (Transistor) का इस्तेमाल किया गया था, जिसके कारण उस कंप्यूटर का साइज कम हो गया था। ट्रांजिस्टर बहुत ही सस्ते मिलते थे और कम पावर (Less Power utilization) का इस्तेमाल करते थे जिसकी वजह से लगने वाली बिजली भी कम होती थी। सेकंड जेनरेशन की इस कंप्यूटर में प्राइमरी मेमोरी (Primary Memory) के तौर पर मैग्नेटिक कार्ड (Magnetic Card) और सेकेंडरी स्टोरेज (Secondary Memory) की तौर पर मैग्नेटिक टेप (Magnetic Tape) का इस्तेमाल किया जाता था। इस कंप्यूटर में कोबोल( COBOL) जैसी असेंबली लैंग्वेज (Assembly Language) और हाई लेवल लैंग्वेज (High Level Language) का इस्तेमाल किया गया था। इस जनरेशन के कंप्यूटर में सबसे पहली बार मल्टीप्रोग्रामिंग कंप्यूटर ( Multi programming Computer) का इस्तेमाल किया गया था। इस पीढ़ी के कंप्यूटर फर्स्ट जनरेशन की तुलना में ज्यादा भरोसेमंद थे। इस जनरेशन के कंप्यूटर के नाम नीचे दिए गए हैं।

IBM 1620
IBM 7094
CDC 1604
CDC 3600
UNIVAC 1108

Computer Hardware-Software क्या है?

कंप्यूटर का तीसरा जनरेशन (Third Generation of Computer) :

3rd Generation
3rd Generation Of Computer

कंप्यूटर के थर्ड जनरेशन ( Third Generation Of Computer) का समय १९६५ से लेकर १९७१ के बीच था । Third Generation की इस कंप्यूटर में ट्रांजिस्टर की जगह पर इंटीग्रेटेड सर्किट (Integrated Circuit) का इस्तेमाल किया गया था। इस इंटीग्रेटेड सर्किट (Integrated Circuit) के इस्तेमाल की वजह से कंप्यूटर का आकार और भी छोटा बन गया और यह कंप्यूटर और भी ज्यादा भरोसेमंद बन गया। इस जनरेशन की कंप्यूटर में रिमोट प्रोसेसिंग( Remote Processing) और मल्टीप्रोग्रामिंग ऑपरेटिंग सिस्टम( Multiprogram Operating System) का इस्तेमाल किया गया था। इस जनरेशन के दौरान हाई लेवल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का इस्तेमाल किया गया था। यह पहले कंप्यूटर थे यहां पर यूजर्स कीबोर्ड (Keyboard) का इस्तेमाल करते थे। इस कंप्यूटर पर सेंट्रल प्रोग्राम( Central Program) का इस्तेमाल करते हुए एक बार में तीन प्रोग्राम रन करने तक इस कंप्यूटर को कैपेबल बनाया था। इस जनरेशन की कंप्यूटर के लिए बिजली की कम खपत होती थी और पहले 2 जनरेशन के मुकाबले यह ज्यादा भरोसेमंद था।

कंप्यूटर का चौथा जनरेशन (Fourth Generation of Computer) :

4th Generation
4th Generation Of Computer

कंप्यूटर की फोर्थ जनरेशन (Fourth Generation Of Computer) का समय १९७० से लेकर १९८० तक था। इस जनरेशन के कंप्यूटर में वेरी लार्ज स्केल इंटीग्रेटेड टेक्नोलॉजी (VLSI) का इस्तेमाल किया गया था। वीएलएसआई (VLSI) टेक्नोलॉजी में ५००० ट्रांजिस्टर(Transistor) और २०० सर्किट एलिमेंट( Circuit Element) एक ही चीप पर लगाए गए थे, जिसके कारण इस पीढ़ी में माइक्रो कंप्यूटर(Micro Computer) बनाना पॉसिबल हुआ। फोर्थ जनरेशन के कंप्यूटर ज्यादा पावर फुल, साइज में बहुत ही कम और बहुत ही ज्यादा भरोसेमंद थी। कंप्यूटर की इस जनरेशन ने पर्सनल कंप्यूटर (PC – Personal Computer) को जन्म दिया। इस जनरेशन के कंप्यूटर में सभी हाई लेवल लैंग्वेज इज जैसे कि C, C++, इनका इस्तेमाल किया गया था। आईबीएम (IBM) कंपनी ने १९८१ में एक ऐसा कंप्यूटर बनाया था जिसका उपयोग घरेलू कंप्यूटर (Computer for Home) के रूप में किया जा सकता था। १९८४ में एप्पल (Apple) ने भी ऐसा घरेलू उपयोग के लिए कंप्यूटर बनाया। माइक्रो कंप्यूटर कम साइज और हाई प्रोसेसिंग पावर के मामले में बहुत आगे बढ़े थे। इस छोटे कंप्यूटर को आपस में लिंक करने का तरीका भी जनरेशन में विकसित हुआ जिसने इंटरनेट( Internet) को जन्म दिया। इसी कंप्यूटर की जनरेशन में ग्राफिकल यूजर इंटरफेस (Graphical User Interface – GUI) और माउस (Mouse) का जन्म हुआ।

कंप्यूटर का पाचवा जनरेशन (Fifth Generation of Computer) :

5th Generation Of Computer

कंप्यूटर की पांचवी जनरेशन (Fifth Generation of Computer) का समय १९८० से लेकर आज तक चल रहा है। इस जनरेशन मे VLSI टेक्नोलॉजी का रूपांतर ULSI टेक्नोलॉजी में हुआ यानी कि अल्ट्रा लार्ज स्केल इंटीग्रेटेड टेक्नोलॉजी (Ultra Large scale integrated Technology)। इस जनरेशन के कंप्यूटर में सभी हाई लेवल लैंग्वेज इज जैसे कि C, C++, Java, इनका इस्तेमाल किया गया। इस जनरेशन के कंप्यूटर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की डेवलपमेंट हुई है। इस कंप्यूटर में एडवांस पैरेलल प्रोसेसिंग की जा सकती है। यह कंप्यूटर मल्टीमीडिया(Multimedia)फीचर के साथ उपलब्ध होने के कारण हम एक बार में कितने भी ऑपरेशंस कंप्यूटर (Multi tasking) में चला सकते हैं। यह कंप्यूटर बहुत ही सस्ती दरों पर उपलब्ध हुए हैं। इस जनरेशन के कंप्यूटर का नाम डेक्सटॉप लैपटॉप मैकबुक अल्ट्राबुक प्रोबुक( Desktop, Laptop, MacBook, Ultrbook, Probook) है।

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तो दोस्तों इस ब्लॉग के जरिए हमने कंप्यूटर की सारी जनरेशन (History Of computer) की जानकारी आपको दी है। उम्मीद करता हूं कि आपको यह जानकारी फायदेमंद साबित होगी ।अगर यह जानकारी आपको अच्छी लगी है तो आप यह आपके दोस्तों रिश्तेदारों के साथ बिल्कुल शेयर कीजिए। धन्यवाद् !

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