हाथ को छाती पर रखकर हम हृदय के संकुचन के संचरण को महसूस करते हैं। हम कान को छाती से लगा कर या स्टेथोस्कोप की सहायता से दिल की धड़कन(Heart beat) सुन सकते हैं। हम यह भी माप सकते हैं कि हृदय कितनी बार सिकुड़ता है, अर्थात हृदय कितनी बार धड़कता है।

हृदय में रक्तचाप(Blood Pressure) सभी रक्त वाहिकाओं (Veins) तक पहुँचता है, यदि आप अपनी उंगली को धमनियों पर रखते हैं, तो आप उन्हें एक निश्चित लय में उठते और गिरते हुए महसूस कर सकते हैं। आम तौर पर कलाई की धमनी की पल्स रेट (Pulse Rate) हृदय गति के समान होती है।
एक सामान्य हृदय गति(Normal Heart beat) 60 से 120 बीट प्रति मिनट होती है। लेकिन एथलीटों(Players) में, यह दर विश्रांती/आराम के समय 40 से कम और गति में खेलते समय 180 से 200 तक हो सकती है। लेकिन आराम की अवस्था में दिल की धड़कन 120 प्रति मिनट से ज्यादा होना ही बीमारी का लक्षण माना जाना चाहिए।
आमतौर पर एक्सरसाइज और मेहनत के दौरान अगर आप बहुत डरे हुए हैं, मानसिक तनाव(Mental stress) में हैं या शरीर में बुखार(fever) है तो सीने की धड़कन बढ़ जाती है। निमोनिया फेफड़ों में तरल पदार्थ के कारण होता है, गर्दन में थायरॉयड ग्रंथि के थायरोक्सिन स्राव के विकार, हृदय गति नियंत्रण केंद्र के विकार, मस्तिष्क के संक्रामक रोग, निम्न रक्त शर्करा का स्तर सभी हृदय गति को बढ़ाते हैं।

जैसे ही दिल बहुत ज्यादा धड़कता है, ऐसा लगता है जैसे छाती में तेज़ हो रहा है। ऐसा होने पर आपको तुरंत किसी विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए और दिल की धड़कन बढ़ने के कारण का पता लगाना चाहिए और इसका इलाज शुरू कर देना चाहिए ।
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